writing is my passion,words are just a flow of my emotions
मूक भावना सहती हूं, फिर मुस्कुरा लेती हूं स्त्री हूं ना ! मूक भावना सहती हूं, फिर मुस्कुरा लेती हूं स्त्री हूं ना !
हमारे हर ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए दिन रात खटते देखा है हमारे हर ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए दिन रात खटते देखा है
कल जो बेटी थी ! किसी की, आज बहू बन गई। कल जो बेटी थी ! किसी की, आज बहू बन गई।
जान की अब परवाह नहीं, उनकी भूख मिट जाये, अब बस यही अरमान है। बिखरा बिखरा ये जहां... जान की अब परवाह नहीं, उनकी भूख मिट जाये, अब बस यही अरमान है। बिखरा बिखरा...