"Author of the Week" - Jan 2022 Week 3
काश! उस दिन उसके बुलाने पर नज़र उठाई न होती। काश! उस दिन उसके बुलाने पर नज़र उठाई न होती।
कहीं उत्तराखंड की गंगा है, तो कहीं अमृत रुपी यमुना है। कहीं उत्तराखंड की गंगा है, तो कहीं अमृत रुपी यमुना है।
देह की अन्न से भेंट न हो सकी और इस रूह को दुत्कार की आदत सी पड़ गई देह की अन्न से भेंट न हो सकी और इस रूह को दुत्कार की आदत सी पड़ गई