I am a student and self employed.. But free time writer..
मुझे मेरी माँ पर गुरूर होता है आखिर मैंने सब कुछ तो पाया है तुमसे। मुझे मेरी माँ पर गुरूर होता है आखिर मैंने सब कुछ तो पाया है तुमसे।
आँख खुली तो इस धरा ने अपनी गोद में समेट लिया, आँख खुली तो इस धरा ने अपनी गोद में समेट लिया,
दिल चाहे वो कर लो घर में मिलकर कोरोना को भगाया जाए। दिल चाहे वो कर लो घर में मिलकर कोरोना को भगाया जाए।
ये दौर जो इतना मचलता जरूर है, ये वक्त है सहाब ये बदलता जरूर है। ये दौर जो इतना मचलता जरूर है, ये वक्त है सहाब ये बदलता जरूर है।