passionate writer
जैसे मर कर भी रूह काया से, रुखसत होने की आरजू रखती है। जैसे मर कर भी रूह काया से, रुखसत होने की आरजू रखती है।
जीवन के इस अनजान सफ़र में, बस ख़यालों के समंदर में, यूँ ही गोते खाती हूँ। जीवन के इस अनजान सफ़र में, बस ख़यालों के समंदर में, यूँ ही गोते खाती ह...
आओ हम सब पेड़ लगाएँ धरती को उज्जवल बनाएं। आओ हम सब पेड़ लगाएँ धरती को उज्जवल बनाएं।
तुम माँ में सहेली पा सको, बचपन को अपने यादगार बना सको। तुम माँ में सहेली पा सको, बचपन को अपने यादगार बना सको।