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धीरे धीरे सिलसिला कुछ यूं बढ़ने लगा, अब तो वो उसे रास्ते में छेड़ने लगा धीरे धीरे सिलसिला कुछ यूं बढ़ने लगा, अब तो वो उसे रास्ते में छेड़ने लगा
अपने देश की खातिर, गोलियों की बरसात में, खून से लथपथ खड़े थे अपने देश की खातिर, गोलियों की बरसात में, खून से लथपथ खड़े थे
घर में मेरे घुस के जो, घुसपैठ किये जा रहा है।। घर में मेरे घुस के जो, घुसपैठ किये जा रहा है।।
कोहराम के पीछे छिपा है एक सन्नाटा, न जाने सन्नाटे से भरी ये हवा क्यों है ।। कोहराम के पीछे छिपा है एक सन्नाटा, न जाने सन्नाटे से भरी ये हवा क्यों है ।।
समेट रखा है दर्द काफ़ी इस दिल में, थोड़ी सी दिल को राहत भी हो समेट रखा है दर्द काफ़ी इस दिल में, थोड़ी सी दिल को राहत भी हो