Want to write and read
वो सुनहरे दिन बहुत याद आते हैं, सपने और हकीकत में फर्क समझ गए। खो गया बचपन, क्योंकि अब हम ब... वो सुनहरे दिन बहुत याद आते हैं, सपने और हकीकत में फर्क समझ गए। खो गया बच...
अब मैं कुछ करने बाहर जाना चाहती थी पापा ने मना किया, पर माँ साथ रही मैंने माँ को बहुत कम रोते देख... अब मैं कुछ करने बाहर जाना चाहती थी पापा ने मना किया, पर माँ साथ रही मैंने माँ...
सोचा था सहेलियां तो समझेंगी जो जानती है मुझे तब से जब हमारी शादी की उम्र भी नहीं थी जो जानती हैं ... सोचा था सहेलियां तो समझेंगी जो जानती है मुझे तब से जब हमारी शादी की उम्र भी नह...
मेरे भरोसे की बुनियाद, तो हर बार टूटी है मेरे भरोसे की बुनियाद, तो हर बार टूटी है