आपकी भावनाएं,मेरी कलम से...
है नारी तेरा मुझ पर अधिकार है, मेरा जीवन तेरा कर्जदार है है नारी तेरा मुझ पर अधिकार है, मेरा जीवन तेरा कर्जदार है
तेरा कल नहीं मै अजीब सितम है,अब तो तेरा आज भी मुझसे आंख मिलाए ना तेरा कल नहीं मै अजीब सितम है,अब तो तेरा आज भी मुझसे आंख मिलाए ना
मैं भागूंगा नहीं युद्ध करूँगा विजय के लिए जरूर मरूंगा, मैं भागूंगा नहीं युद्ध करूँगा विजय के लिए जरूर मरूंगा,
सिंधु से लेकर सागर तक एक सुत्रता का आभास कराती है सिंधु से लेकर सागर तक एक सुत्रता का आभास कराती है