I'm Shubhra and I love to read StoryMirror contents.
उसने अपने अस्तित्व को पहचान कमल के आतंक से आजादी जो पा ली थी। उसने अपने अस्तित्व को पहचान कमल के आतंक से आजादी जो पा ली थी।
आज आईसीयू में लेटी अपनी सासू मां का पीला मुख आस्था को बहुत द्रवित कर रहा था। आज आईसीयू में लेटी अपनी सासू मां का पीला मुख आस्था को बहुत द्रवित कर रहा था।
हाथ में पकड़े सारे नोट कीचड़ में बहे जा रहे थे। उन्हें समेटने की भावना अब मर चुकी थी। हाथ में पकड़े सारे नोट कीचड़ में बहे जा रहे थे। उन्हें समेटने की भावना अब मर चुक...