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21 दिन 21 दिन
मैं में जो भी चलता है उससे बाहर मेरी पहचान है। मैं में जो भी चलता है उससे बाहर मेरी पहचान है।
दूर कहीं छुप कर बैठी नन्ही नन्ही बूंदें जब साथ मिलकर गिरती हैं, दूर कहीं छुप कर बैठी नन्ही नन्ही बूंदें जब साथ मिलकर गिरती हैं,
इतना गहरा जाना है की अंदर के भगवान को बाहर लाना है इतना गहरा जाना है की अंदर के भगवान को बाहर लाना है