सदा मुस्कुराते रहो।
अपनों ने दिया है ताड़ना अधिकार तुलसीदास रचती हूँ। अपनों ने दिया है ताड़ना अधिकार तुलसीदास रचती हूँ।
चौरासी योनि भंवर, त्यागो अब ये वेश चौरासी योनि भंवर, त्यागो अब ये वेश
चलो सूरज के दर पे दस्तक दे आएँ, उम्मीद भरे रोशनदान हिला आएँ... चलो सूरज के दर पे दस्तक दे आएँ, उम्मीद भरे रोशनदान हिला आएँ...
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निष्प्राण पुष्प और कली सिसकती, पीड़ा आँसू आँगन में... निष्प्राण पुष्प और कली सिसकती, पीड़ा आँसू आँगन में...
एक कविता--- गदराए पलाश,संवेदनाओं का ताप कोयल आलाप,लहराते आम्रपल्लव फागणी बयार में इतराती है एक कविता--- गदराए पलाश,संवेदनाओं का ताप कोयल आलाप,लहराते आम्रपल्लव फागणी बयार...
स्फटिक सा निभाती पारदर्शी अपना वो पावन किरदार। स्फटिक सा निभाती पारदर्शी अपना वो पावन किरदार।