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जानवर से जन्मा यह कोरोना, हे! मनुष्य तुम धीर धरो ना। जानवर से जन्मा यह कोरोना, हे! मनुष्य तुम धीर धरो ना।
जग का यह खेल निराला, जीवन में ही पीना पड़ता है अपने दुष्कर्मो का प्याला, जग का यह खेल निराला, जीवन में ही पीना पड़ता है अपने दुष्कर्मो का प्याला,
और सबको पीछे छोड़कर, खुद अकेले आगे बढ़े जा रहे हो। और सबको पीछे छोड़कर, खुद अकेले आगे बढ़े जा रहे हो।
ज़िन्दगी का झोल समझ न आये , गणित बीच में आके नाच नचाए। ज़िन्दगी का झोल समझ न आये , गणित बीच में आके नाच नचाए।