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सिंदूरी आकाश ने खुद को अन्धकार में घेरने की तैयारी कर ली सिंदूरी आकाश ने खुद को अन्धकार में घेरने की तैयारी कर ली
कितने सारे अनुभव कितनी सारी स्मृतियाँ मन में उमड़ती घुमड़ती रहती हैं मैं तुम्हें याद नहीं करती ... कितने सारे अनुभव कितनी सारी स्मृतियाँ मन में उमड़ती घुमड़ती रहती हैं मैं तु...
हाँ कहता है दिल मेरा कि हो तुम सिर्फ मेरे। हाँ कहता है दिल मेरा कि हो तुम सिर्फ मेरे।
हाँ प्रिय तुम सिर्फ मेरे हाँ प्रिय तुम सिर्फ मेरे
जुड़ गये तार वीणा के बजी रागिनी धड़का जो दिल मिल के एक राग में ! जुड़ गये तार वीणा के बजी रागिनी धड़का जो दिल मिल के एक राग में !
हाँ, कहता है दिल मेरा कि हो तुम सिर्फ मेरे। हाँ, कहता है दिल मेरा कि हो तुम सिर्फ मेरे।
प्रेमकविताएँ....... प्रेमकविताएँ.......