i am a assistant teacher in basic education in block nighasan lakhimpur kheri
बजा दो प्रेम की बंसी मेरे सरकार विनती है, बीच मझधार है नैय्या,लगा दो पार विनती है।। बजा दो प्रेम की बंसी मेरे सरकार विनती है, बीच मझधार है नैय्या,लगा दो पार विनत...
रात बीत गई, सूर्य उदय हुआ। कुछ करने का समय हुआ।। रात बीत गई, सूर्य उदय हुआ। कुछ करने का समय हुआ।।
जब लगा कोई तो जानता है यहां मुझे, तब सब कुछ तिरोहित सा लगा मुझे जब लगा कोई तो जानता है यहां मुझे, तब सब कुछ तिरोहित सा लगा मुझे
अपमान अगर सहना हो तो सम्मान सहित तुम सह जाओ। अपमान अगर सहना हो तो सम्मान सहित तुम सह जाओ।