17 वर्षीय👦 पद्यकार✍️ हिंदी प्रेमी📖 कविता वह कला है, जिसमें कल्पना-शक्ति बुद्धि की सहायिका होकर सत्य और आनंद का परस्पर सम्मिश्रण करती है।
नींद न आने के कारण - उत्सुकता कल की दोपहर में सोना! नींद न आने के कारण - उत्सुकता कल की दोपहर में सोना!
अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर। अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर।
फिर अचानक बारिश रूकी और हवा की लहर थम गई! फिर अचानक बारिश रूकी और हवा की लहर थम गई!
अध्यापक होता दीप समान स्वयं जले पर प्रकाश देता समान! अध्यापक होता दीप समान स्वयं जले पर प्रकाश देता समान!
कभी निराश करती, तो कभी विलास देती कभी निराश करती, तो कभी विलास देती