"जीवनवीणा" की लेखिका कवयित्री
जब देखा सब भारत देखा आओ गर्व करें भारत पर। जब देखा सब भारत देखा आओ गर्व करें भारत पर।
दिल ही दिल मे रहते हो तुम भी कुछ कहते हो जैसे कि जाना मत घर से निकल जाने का दिल ही दिल मे रहते हो तुम भी कुछ कहते हो जैसे कि जाना मत घर से निकल जान...
दिन जयंती देख कर लिख रहे हैं पेट भर दिन जयंती देख कर लिख रहे हैं पेट भर
महिलाओं को बहुत पसंद आते हैं आजकल स्वयं पर बने चुटकुले, वस्त्र अधखुले, केश बंधे कम महिलाओं को बहुत पसंद आते हैं आजकल स्वयं पर बने चुटकुले, वस्त्र अधखुले,...
एसिड अटैक हो या बलात्कार चुपचाप सहना सीख मत मांग नपुंसकों से न्याय की भीख एसिड अटैक हो या बलात्कार चुपचाप सहना सीख मत मांग नपुंसकों से न्याय की भीख