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बेवक्त बरस पडती हैं, ये यादें तुम्हारी.. ख़ामोशी आंगन मैं,ख्यालों के शहर में ! बेवक्त बरस पडती हैं, ये यादें तुम्हारी.. ख़ामोशी आंगन मैं,ख्यालों के शहर में ...
बातें कहनी थी हजार पर वक्त ढल गया बातें कहनी थी हजार पर वक्त ढल गया
निकला हूँ अभी खुद की तलाश मैं.. दौड़ा हूँ ना जाने किस आहट मैं। निकला हूँ अभी खुद की तलाश मैं.. दौड़ा हूँ ना जाने किस आहट मैं।