इस दुनिया की हज़ारों आवाज़ों के बीच कुछ ऐसी आवाज़ें भी हैं जो शब्द तलाश रही हैं। उन्ही आवाज़ों को दो शब्द दे पाऊँ तो ख़ुद को ख़ुशनसीब समझूँगी।
सड़कों पर चलना पाप हुआ नारित्व यूँ जलकर खाक हुआ, इस देश को आख़िर पड़ी है क्या एक बार नहीं ये लाख ... सड़कों पर चलना पाप हुआ नारित्व यूँ जलकर खाक हुआ, इस देश को आख़िर पड़ी है क्या ...
रंगोली के रंगों सी नन्हे से बच्चे के मन में उठती तरंगो सी, जून की गरमियों में पीपल की छाओं जैसी ब... रंगोली के रंगों सी नन्हे से बच्चे के मन में उठती तरंगो सी, जून की गरमियों में ...
बेज़ार घड़ी भी दिन में दो बार वक़्त सही बताती है। बेज़ार घड़ी भी दिन में दो बार वक़्त सही बताती है।
पति को अपना सर्वस्व देनेवाली पत्नी... उसकी भावविभोर और अपने प्रियतम के प्यार का गुणगान करनेवाली यह क... पति को अपना सर्वस्व देनेवाली पत्नी... उसकी भावविभोर और अपने प्रियतम के प्यार का ...
रण के रणबाँकुर ज़ोर लगा हिम्मत को अपने शीश लगा, आने दे क्षत्रु को समक्ष तू सहज युद्ध रण के रणबाँकुर ज़ोर लगा हिम्मत को अपने शीश लगा, आने दे क्षत्रु को समक्ष ...
हज़ारों राजनैतिक मुद्दों में दबी हुई वो एक आवाज़ उनकी भी है जो हर दिन ख़ुद को ठगा हुआ पाती है। नारी ... हज़ारों राजनैतिक मुद्दों में दबी हुई वो एक आवाज़ उनकी भी है जो हर दिन ख़ुद को ठग...