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बिना सीमा घूम चले कहीं से कहीं जाते चले बिना सीमा घूम चले कहीं से कहीं जाते चले
मास आता श्रावण का घनघोर घटा उमड़ती है मास आता श्रावण का घनघोर घटा उमड़ती है
मैं तो बस इस विश्व को जीवनदान देता हूँ नई ऊर्जा साथ लाता हूँ। मैं तो बस इस विश्व को जीवनदान देता हूँ नई ऊर्जा साथ लाता हूँ।
भोर हुई तो कोहरे से अटा था आसमान सब तरफ जैसे अंधेरा हो जिंदगी चल रही अपने सफर की तरफ भोर हुई तो कोहरे से अटा था आसमान सब तरफ जैसे अंधेरा हो जिंदगी चल रही अपने ...