मूलतः उत्तराखंड के सोमेश्वर घाटी स्थित 'माला' नामक गांव से। वर्तमान स्थाई रूप से दिल्ली में निवास।
ज्ञानदायिनी नवल ज्ञान से भर दो मेरी झोली....आज मैं खेलूॅं कलम से होली ! ज्ञानदायिनी नवल ज्ञान से भर दो मेरी झोली....आज मैं खेलूॅं कलम से होली !
जाने न दूॅं बिन रंग चढ़ाए, देख सखी ऋतुराज हैं आए। जाने न दूॅं बिन रंग चढ़ाए, देख सखी ऋतुराज हैं आए।
इसीलिए होलिका जलाना अच्छा लगता है । होली का त्यौहार मनाना अच्छा लगता है ।। इसीलिए होलिका जलाना अच्छा लगता है । होली का त्यौहार मनाना अच्छा लगता है ।।
ऐसा प्रेम मधुर हो जिसको याद करे यह दुनियां सारी ऐसा प्रेम मधुर हो जिसको याद करे यह दुनियां सारी
ऐसा प्रेम मधुर हो जिसको, याद करे यह दुनिया सारी। ऐसा प्रेम मधुर हो जिसको, याद करे यह दुनिया सारी।
कोयल मीठे बैन सुनाये। देख सखी ऋतुराज हैं आए कोयल मीठे बैन सुनाये। देख सखी ऋतुराज हैं आए
राह में कांटे बिछाते देख लूं तो चुप रहूँगा, मैं स्वयं निज पथ सुगम कर सभी को आशीष दूंगा राह में कांटे बिछाते देख लूं तो चुप रहूँगा, मैं स्वयं निज पथ सुगम कर सभी को आ...
शुद्ध मति के प्रेम से ही जगत का कल्याण होगा, शुद्ध मति के प्रेम से ही जगत का कल्याण होगा,
सरस गुदगुदी रातों को भी, ले अपने ही साथ गई थी ! शीत-निशा तुम किधर गई थी ? सरस गुदगुदी रातों को भी, ले अपने ही साथ गई थी ! शीत-निशा तुम किधर गई थी ?
गीत नवल तब मेरे होंगे, नूतन स्वर भी मेरा होगा। गीत नवल तब मेरे होंगे, नूतन स्वर भी मेरा होगा।