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ज़िंदगी इतनी भी बेदर्द नही, इससे खफा न हो कभी। ज़िंदगी इतनी भी बेदर्द नही, इससे खफा न हो कभी।
शिष्य के जीवन में गुरु, दिव्य रौशनी हैं। शिष्य के जीवन में गुरु, दिव्य रौशनी हैं।
इसकी अनुभूति तो सुखद है, उदासी नहीं। इसकी अनुभूति तो सुखद है, उदासी नहीं।
कर लेना फिर वश में अपना मन, साथ चलने पे हो जायेगा वक्त मजबूरI कर लेना फिर वश में अपना मन, साथ चलने पे हो जायेगा वक्त मजबूरI
हमारा कर्त्तव्य हैं जग को देना यहाँ सन्देश हैं। हमारा कर्त्तव्य हैं जग को देना यहाँ सन्देश हैं।
उनकी गरिमा बढ़ाओ, बढ़ाओ उनका सम्मान। उनकी गरिमा बढ़ाओ, बढ़ाओ उनका सम्मान।