“ गुहार “
“ गुहार “
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मैया मुझको अंग लगा ले
मेरा जीवन संग लगा ले
मत आरी चलवा तू मुझपे
मेरी नैया पार लगा ले
किलकारी से भर दूँ आँगन
ग़लबहियों का हार बना ले
ठुमक ठुमक बन जाऊँ रौनक
आँचल में संसार बसा ले
पानी पी-पी जी जाऊँगी
मुझको खरपतवार बना ले
बनूँ सहेली जग में तेरी
कह मुझसे सब राज छिपा ले
पीर में तुझको धीर धराऊँ
खुशियों का अम्बार बना ले
सी दूँ जख्म मैं सारे तेरे
मुझको जीवन का तार बना ले
शब्द बनाया इस दुनिया ने
तू जीवन का अर्थ बना ले
मैया मुझको ...