तुम्हारी हंसी की बातें
तुम्हारी हंसी की बातें
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तुम्हारी हंसी हर बार मेरे पास
एक ही तरीके से आती है
हवाओं पर तैर कर।
लेकिन हर बार वह एक ही बात नहीं लाती मेरे पास।
कई बार तो वह बिल्कुल चुप चाप रहती है
मेरे बहुत पास आ कर भी
निःशब्द .....
लेकिन उसकी उस चुप्पी में भी
उसके कहने से
कहीं ज़्यादा बातें होती हैं।
उस हंसोड़ चुप्पी की हर आहट
एक अलग बात कहती रहती है मुझसे
देर तक
लौट जाने के बाद भी।