जाना नहीं
जाना नहीं
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जाना नहीं कभी ये धरती से
मागर आत्मा गया बहुत दूर
कहीं दूर गए ये प्रेम की दुनिया में
रंगोंकी प्रेम बहुत कम दीखता
काबिल का रामराज नहीं अब
गये ो दिन पुरने
दिल दुखता ये ज़माने में
बोल न सके क्या दुनिया अब
लोग बदल जाते हर एक वक़्त
कहते बात वक़्त के हिसाब से
है मामला पैसों की र
लोग है परेशानी ये धरती में
कौन है क्या पता किसको
जो माने ो जीते ज़रा
हिम्मत वाले ज़रा बच जाते
चलती रहेगी रहेगा दुनिया,
किसी भी हालात में