हमारे स्नातक तक पँहुचने तक श्वेत श्याम तस्वीरों का सफर रंगीन तस्वीरों के दौर में चला गया । हमारे स्नातक तक पँहुचने तक श्वेत श्याम तस्वीरों का सफर रंगीन तस्वीरों के दौर में...
अक्सर उसकी माँ उसकी स्कूटी की क्षमता से ज्यादा सामान लेकर आने को बोल देती थीं। अक्सर उसकी माँ उसकी स्कूटी की क्षमता से ज्यादा सामान लेकर आने को बोल देती थीं।
वो अपने और मेरे वचन के खातिर अभी दूर हो गया है । वो अपने और मेरे वचन के खातिर अभी दूर हो गया है ।