न कोई मंजिल न जाने कैसे मिलेगी अधूरे मन को संतुष्टि ! न कोई मंजिल न जाने कैसे मिलेगी अधूरे मन को संतुष्टि !
अविनाश ने कहा घर तो तुम्हारा ही है। अविनाश ने कहा घर तो तुम्हारा ही है।
जो मेरे पास था, वही मैं आपके लिये ला सका। जो मेरे पास था, वही मैं आपके लिये ला सका।