"नही पंडितजी। अभी एक फेरा बाकी है, आठवां फेरा।" प्रधानजी की आवाज ने सब के चेहरे प्रश्नवाचक बना दिये... "नही पंडितजी। अभी एक फेरा बाकी है, आठवां फेरा।" प्रधानजी की आवाज ने सब के चेहरे...
वह गलतियों की शुरुआत थी। जिसे आज 15 साल बाद भी रूमा झेल रही है। वह गलतियों की शुरुआत थी। जिसे आज 15 साल बाद भी रूमा झेल रही है।
जीवन में जो कार्य जिस आयु के लिए उचित है उसे उसी समय कर लेना चाहिए । जीवन में जो कार्य जिस आयु के लिए उचित है उसे उसी समय कर लेना चाहिए ।