और सोच रही थी कि रिश्ते बेशक कुछ समय के लिए रूठते है पर टूटते नहीं हैं। और सोच रही थी कि रिश्ते बेशक कुछ समय के लिए रूठते है पर टूटते नहीं हैं।
कोई धर्म पता नहीं समानता का साथ क्यों नहीं देना चाहता कोई धर्म पता नहीं समानता का साथ क्यों नहीं देना चाहता
आज के अविवेकी मनुष्य ने हर इन्द्रिय का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज के अविवेकी मनुष्य ने हर इन्द्रिय का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।