आज के अविवेकी मनुष्य ने हर इन्द्रिय का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आज के अविवेकी मनुष्य ने हर इन्द्रिय का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।