गनीमत ये थी कि तब मैं नहीं थी। मैं इस दुनिया में आई ही नहीं थी। हां, आने वाली थी। गनीमत ये थी कि तब मैं नहीं थी। मैं इस दुनिया में आई ही नहीं थी। हां, आने वाली थी...
नटखट हैं तू नन्दलाल मन को हर्षाये मेरे ओ मोहन तू वृन्दावन के लाल मेरो कान्हा। नटखट हैं तू नन्दलाल मन को हर्षाये मेरे ओ मोहन तू वृन्दावन के लाल मेरो कान्हा।