नटखट हैं तू नन्दलाल मन को हर्षाये मेरे ओ मोहन तू वृन्दावन के लाल मेरो कान्हा। नटखट हैं तू नन्दलाल मन को हर्षाये मेरे ओ मोहन तू वृन्दावन के लाल मेरो कान्हा।