अपनी बेटी को लेकर वह चल पड़ी, एक नया नीड़ बसाने, नयी मंज़िल की ओर। अपनी बेटी को लेकर वह चल पड़ी, एक नया नीड़ बसाने, नयी मंज़िल की ओर।
उसका प्यार उसकी मंज़िल जल्दी मिल जाए। आखिर अब उसकी ख़ुशी में ही मेरी खुशी है। उसका प्यार उसकी मंज़िल जल्दी मिल जाए। आखिर अब उसकी ख़ुशी में ही मेरी खुशी है।
दिलीप साहब आज यदि घर- घर वासी हैं तो इसमें उन दिलकश गानों का बड़ा योगदान है दिलीप साहब आज यदि घर- घर वासी हैं तो इसमें उन दिलकश गानों का बड़ा योगदान है
इसी बीच लाइट आ गयी और मैंने लालटेन बुझा दी इसी बीच लाइट आ गयी और मैंने लालटेन बुझा दी