न जाने क्यों मुझे वहाँ हर कमरे में पसरी बेतरतीबी खुद अपनी कहानी खामोशी से बयाँ करती सी न जाने क्यों मुझे वहाँ हर कमरे में पसरी बेतरतीबी खुद अपनी कहानी खामोशी से बयाँ क...