लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनु: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनु: आ. चारुमति रामदास
भला हो ऊ पुलिसबाले का, वा ने बुलवा दी सहर से। भला हो ऊ पुलिसबाले का, वा ने बुलवा दी सहर से।