अपनी खुद की कोई भी रचना, निर्मिती का आनंद भला किसे नहीं होता और उसी की तारीफ हमारे मित्र, सहेलियां, ... अपनी खुद की कोई भी रचना, निर्मिती का आनंद भला किसे नहीं होता और उसी की तारीफ हमा...
वे तीनों बड़ी ख़ुशी के साथ अपनी-अपनी कक्षाओं में पहुंच गये। वे तीनों बड़ी ख़ुशी के साथ अपनी-अपनी कक्षाओं में पहुंच गये।