लेकिन वो आवाज़ अब भी उसके कानों तक पहुँच रही थी, वो फिर से परेशान हो उठा लेकिन वो आवाज़ अब भी उसके कानों तक पहुँच रही थी, वो फिर से परेशान हो उठा
अपराध बोध से घिरी हुई, अपनी ही अकड़ में रही, मैं ही एक फोन कर लेती। अपराध बोध से घिरी हुई, अपनी ही अकड़ में रही, मैं ही एक फोन कर लेती।