वैभव मुझे तुम पर नाज़ है की तुम हमारे पड़ोसी की जान बचायी वैभव मुझे तुम पर नाज़ है की तुम हमारे पड़ोसी की जान बचायी
वह हकबक सा खड़ा था, जीवन में पहला अवसर था जब वह कामना को फलीभूत होते देख रहा था। उसके हाथ पुनः कृतज्ञ... वह हकबक सा खड़ा था, जीवन में पहला अवसर था जब वह कामना को फलीभूत होते देख रहा था। ...
उन्हें महसूस हुआ कि जीवन में मित्रों का बहुत महत्व है। उन्हें महसूस हुआ कि जीवन में मित्रों का बहुत महत्व है।