लेखक : राजगुरू दत्तात्रेय आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : राजगुरू दत्तात्रेय आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
समुद्र से रेत तक, हम इस भूमि की पूजा करते हैं समुद्र से रेत तक, हम इस भूमि की पूजा करते हैं