उनकी ज़िन्दगी की बगिया में एक प्यारा सा नन्हा सा पौधा अंकुरित हो उठा था। उनकी ज़िन्दगी की बगिया में एक प्यारा सा नन्हा सा पौधा अंकुरित हो उठा था।
अब अपनी माँ की गम्भीर बातों के अर्थ समझने की बारी आरव की थी। अब अपनी माँ की गम्भीर बातों के अर्थ समझने की बारी आरव की थी।
ठण्ड बहुत बढ़ गयी है। इस ठंड में सोच रहे हैं कि मुर्गियों को बेचकर कोई अच्छी नस्ल की गाय ले ले,तुम क... ठण्ड बहुत बढ़ गयी है। इस ठंड में सोच रहे हैं कि मुर्गियों को बेचकर कोई अच्छी नस्...