जिससे मेरे दिल के अरमानों में भी खुशियों के दो फूल खिल जाए..! जिससे मेरे दिल के अरमानों में भी खुशियों के दो फूल खिल जाए..!
इस स्थिति से अस्थाई निजात पाने और कुछ भोजन करने के लिए पास के हम सभी पंजाबी ढाबा चले गये इस स्थिति से अस्थाई निजात पाने और कुछ भोजन करने के लिए पास के हम सभी पंजाबी ढाबा...
अगले दिन फिर ऐसा ही हुआ तो मोहम्मद साहब से रहा नहीं गया। अगले दिन फिर ऐसा ही हुआ तो मोहम्मद साहब से रहा नहीं गया।