हज़ार दो सौ पचास रुपए महीने के मुलाजिम हो गए। और फ़िर हुई वो मज़ेदार बात! हज़ार दो सौ पचास रुपए महीने के मुलाजिम हो गए। और फ़िर हुई वो मज़ेदार बात!
उसके पहले ही उसने उस निर्लज्ज को सबक़ सिखा दिया था! उसके पहले ही उसने उस निर्लज्ज को सबक़ सिखा दिया था!