पंडित रघुनाथ मुर्मू ' संथाली भाषा की लिपि ओल चिकी के जन्मदाता थे पंडित रघुनाथ मुर्मू ' संथाली भाषा की लिपि ओल चिकी के जन्मदाता थे
आज भी झारखण्ड के जंगलो व गाँवो में गाई जाती है। आज भी झारखण्ड के जंगलो व गाँवो में गाई जाती है।
आज़ादी की इस लड़ाई में हम सबको एक साथ चलना चाहिए। आज़ादी की इस लड़ाई में हम सबको एक साथ चलना चाहिए।
टाना भगत शराब बन्दी और शाकाहार के पक्षधर थे । टाना भगत शराब बन्दी और शाकाहार के पक्षधर थे ।
हूल नायिका फूलो और झानो की वीरता की गाथा आज भी झारखण्ड के जंगलों व गाँव में गाई जाती है हूल नायिका फूलो और झानो की वीरता की गाथा आज भी झारखण्ड के जंगलों व गाँव में गाई ...
तुलसी निःसंतान है, प्रकृति ही उनका परिवार है और पेड़ पौधे उनके बच्चे है। तुलसी निःसंतान है, प्रकृति ही उनका परिवार है और पेड़ पौधे उनके बच्चे है।