हर ज़माने में अंग्रेज तो होते ही रहेंगे, बस मुखौटा ही बदल जाता है। गाँधीजी आप कितनी बार आओगे ? कितन... हर ज़माने में अंग्रेज तो होते ही रहेंगे, बस मुखौटा ही बदल जाता है। गाँधीजी आप कि...
तो क्या वैसे में किसी एक वैचारिक अंतर होने से, हत्या जायज़ थी तो क्या वैसे में किसी एक वैचारिक अंतर होने से, हत्या जायज़ थी
"ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है "ये चक्का कोई सुदर्शन चक्र थोड़े न है! ये तो समय का चक्र है