जब एक तस्वीर तक नहीं संजो सके तो पिताजी की यादों को ख़ाक संजो पायेगा तुम लोग । जब एक तस्वीर तक नहीं संजो सके तो पिताजी की यादों को ख़ाक संजो पायेगा तुम लोग ।
अब उनको सामान्य आगंतुक मानकर ही आतिथ्य दिया जाता था। अब उनको सामान्य आगंतुक मानकर ही आतिथ्य दिया जाता था।