अल्फाज़ो के उस आईने का क्या कसूर था जब उनकी तस्वीर को अपने हुस्न पर गुरूर था , अल्फाज़ो के उस आईने का क्या कसूर था जब उनकी तस्वीर को अपने हुस्न पर गुरूर था ,
मेरे मम्मी-पापा की आंखों में जो खुशी के आंसू आए थे वो जिंदगी के हर मोड़ पर छा जाए कि मैं अपने आपको इ... मेरे मम्मी-पापा की आंखों में जो खुशी के आंसू आए थे वो जिंदगी के हर मोड़ पर छा जा...