दरबारी तालियां पीटते हुये जयघोष के नारे लगाते हैं। और लोकतंत्र का खेल चलता रहा। दरबारी तालियां पीटते हुये जयघोष के नारे लगाते हैं। और लोकतंत्र का खेल चलता रहा।
उस तोहफे को उसी तरह प्यार से बंद कर दिया जिस तरह उसे खोला था। उस तोहफे को उसी तरह प्यार से बंद कर दिया जिस तरह उसे खोला था।
नम आँखों के साथ अब मुझे कुछ और मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह गयी थी। नम आँखों के साथ अब मुझे कुछ और मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह गयी थी।