गुलाब उपेक्षित सा पड़ा जल रहा है सोफे के कोने में। गुलाब उपेक्षित सा पड़ा जल रहा है सोफे के कोने में।
आज वो चिट्ठी आई है जो कभी लिखी ही नहीं गई पर महसूस बहुत बार हुई। आज वो चिट्ठी आई है जो कभी लिखी ही नहीं गई पर महसूस बहुत बार हुई।