कवि हरि शंकर गोयल

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कवि हरि शंकर गोयल

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योग और भोग

योग और भोग

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योग और भोग का संबंध कुछ कुछ वैसा ही है जैसे कि चोली और दामन का है । नर और नारी का है । पति और पत्नी का है । मतलब एक के बिना दूसरा अधूरा है । यह बात एक बार फिर से सिद्ध हो गई । 

एक योगा गर्ल हैं जो विभिन्न चैनलों पर अपने योग के विभिन्न आसन , प्राणायाम वगैरह से चर्चित रहतीं हैं । या तो योग गुरु बाबा रामदेव या ये मोहतरमा भारत के योग की ब्रांड एम्बेसडर बन चुकी हैं । छरहरा बदन , लचकती कमर , सौंदर्य की प्रतिमूर्ति , सुडौल शरीर की मलिका "धड़कन" बढ़ाने वाली लड़की ने अपनी अदाओं से पहले बॉलीवुड में धूम मचा रखी थी । अपने हुस्न की "बाजीगरी" दिखाकर लोगों को कहती थी "मैं अनाड़ी तू खिलाड़ी" । जनता ने भी उसे बुलंदियों पर पहुंचा दिया । आजकल वह "योग" साधना में लीन होकर पूरे देश को योग सिखा रही है । 


अब अगर पत्नी योग में भारत का नाम रोशन कर रही है तो पति का भी तो कोई फर्ज बनता है कि नहीं ? आखिर वह एक पति है और वह भी भारतीय पति । जहां पुरुष होना ही सारे अधिकारों का पर्याय माना जाता है । ऐसी स्थिति में उसने भी ठान लिया कि "हम किसी से कम नहीं" हैं । इसलिए पहले तो IPL में राजस्थान रॉयल्स की टीम बनाई और फिर "दूसरे" कारणों से चर्चित रहे । वैसे तो फिक्सिंग के आरोप खूब लगे लेकिन आरोप तो आरोप हैं । आरोपों का क्या ? बड़े आदमियों पर ही तो लगते हैं आरोप । यदि किसी बड़े आदमी पर आरोप नहीं लगे हों तो इस देश में उसे कोई बड़ा आदमी मानता ही नहीं है । किसी पर बोफोर्स का आरोप लगा तो किसी पर 2 जी का । किसी पर दंगा भड़काने का आरोप लगा तो किसी पर "मी ठू" का । जिस पर जितने ज्यादा आरोप , उतना ही बड़ा आदमी बन गया वह । 

तो मोहतरमा के पति परमेश्वर भी आरोप लगवाते लगवाते बड़े बनते गए । आखिर पत्नी के समकक्ष तो आना ही था नहीं तो पत्नी की प्रसिद्धि कैसे सहन होती ? फिर कोई "अभिमान" मूवी का मसाला थोड़ी ना देना था उन्हें ? 


तो पतिदेव भी अपनी पत्नी के समकक्ष आने के लिए आतुर थे । ऐसा क्या करें कि पैसा भी बने और नाम भी हो जाए ? फिर देखा कि पत्नी "योग" की ब्रांड एम्बेसडर हैं तो उन्होंने सोचा कि योग और भोग का तो जोड़ा है । इसलिए उन्होंने "भोग" को चुना । वैसे भी "भोग" का भविष्य बहुत उज्जवल है इस देश में । सन्नी लियोन ने अपनी "कलाकारी" से सबके छक्के छुड़ा दिए हैं और प्रिया अंजली राय भी इसी "भोगवादी कला" में अपना और अपने देश का अमरीका में नाम रोशन कर रहीं हैं । मिया खलीफा भी अपने जलवे बिखरा रहीं हैं । तो इनको लगा कि भारत में भी इस "भोगवादी कला" का बहुत स्कोप है । यहां पर भी ऐसी बहुत सारी लड़कियां हैं जो नाम और पैसे के लिए "सब कुछ उतारने" को हरदम तैयार रहती हैं । नारीवादी लोग और संगठन नारी के सम्मान की बहुत चिंता करते हैं मगर जब नारी पैसों की खातिर सबके सामने अपनी "इज्जत" खोलकर रख देती है तब ये सभी नारीवादी लोग, संगठन सबके मुंह में दही जमा जाता है । और उस नारी का यह "अंग प्रदर्शन" नारी स्वातंत्र्य का प्रतीक बन जाता है । उस अंग प्रदर्शन पर कोई भी नारीवादी कुछ नहीं बोलता है । फिर मेरे जैसा पुरानी सोच वाला आदमी यही कहता है कि सभी नारियों को ऐसी "स्वतंत्रता" मिलनी ही चाहिए । 


अब पतिदेव ने इसी मानसिकता को भुनाने का कार्य किया। लड़कियां "सब कुछ" दिखाना चाहतीं हैं और लड़के "सब कुछ" देखना । जब मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी ? देखने वाले तैयार और दिखाने वाले तैयार तो कमी केवल "बीच के आदमी" की थी जो सुंदर सुंदर लड़कियों का "सबकुछ" दिखा दे । तो पतिदेव ने यह "भोग" का काम अपने हाथ में ले लिया। पत्नी योग गुरु और पति भोग गुरु । वाह ! क्या शानदार जोड़ी है । 


अगर आपको याद हो तो एक बार वर्ल्ड कप क्रिकेट में भारत की एक अनजान सी लड़की ने घोषणा की थी कि यदि भारत वर्ल्ड कप जीत लेगा तो वह "नग्न डांस" करेगी । बस, उसकी इस घोषणा ने उसे रातों रात प्रसिद्धि दिला दी और वह एक सेलिब्रिटी बन गई । याद करोगे तो नाम भी याद आ जायेगा । नहीं आया ? चलो , हम बता देते हैं । वह लड़की है "पूनम पांडे" अब वह भी सन्नी लियोन के नक्शे कदम पर है । ऐसी लड़कियों को एक निर्माता निर्देशक भी तो चाहिए ना । तो इन महाशय ने "भोगवादी" फिल्में बनाना शुरू कर दिया । इस देश में गोरा बदन अपने आप में बहुत बड़ी चीज है । कैटरीना कैफ को ना तो एक्टिंग आती है और ना ही वह हिंदी में डायलाग बोल सकती है मगर इसके बावजूद वह एक सफल अभिनेत्री बन गई । किसके दम पर ? केवल गोरे बदन के दम पर । 


तो इसी फार्मूले के आधार पर शर्लिन चोपड़ा और पूनम पांडे जैसी लड़कियों ने "सबकुछ" उतारने की घोषणा कर दी । तो इन पतिदेव ने उन जैसी लड़कियों को हाथों हाथ लिया और उनकी "सबकुछ उतार" फिल्में बनाकर खूब "माल" कूटा । 


कल रात मुंबई पुलिस ने उन्हें धर दबोचा । मगर मुंबई पुलिस उन्हें कब तक रखेगी जेल के अंदर । यहां के बड़े बड़े वकील मोटी मोटी फीस लेकर सबसे बड़ी अदालत में "अभिव्यक्ति की आजादी" के नाम पर सब कुछ दिखाने और "व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार" के नाम पर इसे वैध कारोबार सिद्ध कर देंगे तथा सरकार को भी फटकार दिलवा देंगे जैसे कि अभी थोड़े दिन पहले कहा गया था "राज द्रोह कानून तो अंग्रेजों के जमाने का कानून हैं, उसकी क्या जरूरत है अब" ? पर मी लार्ड । भारतीय दंड संहिता भी तो अंग्रेजों के जमाने का ही है । भारतीय साक्ष्य अधिनियम भी उन्हीं का बनाया हुआ है जिसके आधार पर आप "हथौड़ा" चला रहे हैं । उसे भी खत्म कर दो । आजकल संसद तो केवल तमाशा देखने के लिए है बाकी तो "स्वयंभू" आप ही बन चुके हो । कार्यपालिका , विधायिका और न्यायपालिका सब कुछ आप ही हैं । यानि कि आप अब केवल न्यायपालिका नहीं रह गए हो बल्कि "सम्राट" बन गए हो । अगर फुर्सत मिल जाए तो सरकारों पर नहीं अपने गिरेबान में भी देख लिया करो । क्या पता कुछ दिख जाए । 


तो एक योगी और दूसरा भोगी । दोनों पति-पत्नी में गजब का तालमेल है । दोनों विख्यात हैं और अपने अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं 



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