“भेड़िया आया…भेड़िया आया…” पहाड़ी से स्वर गूंजने लगा। सुनते ही चौपाल पर ताश खेल रहे कुछ लोग हँसने लगे।... “भेड़िया आया…भेड़िया आया…” पहाड़ी से स्वर गूंजने लगा। सुनते ही चौपाल पर ताश खेल रह...
वे रास्ते में रुक गये और सोचने लगे कि क्या ज़्यादा अच्छा रहेगा। वे रास्ते में रुक गये और सोचने लगे कि क्या ज़्यादा अच्छा रहेगा।