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Omprakash Kshatriya

Others

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Omprakash Kshatriya

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विकल्प

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जैसे ही वाह-वाह करके भिड़ छटी मित्र ने पूछा," तुझे यह विचार कहां से आया?"

"इन लोगों को अनाप-शनाप पैसा खर्च करते हुए देखकर।"

"कब?" मित्र ने पूछा।

"5 साल पहले," उस मध्यस्थ ने कहा, "उस समय भी उनके मोहल्ले की सड़क नहीं सुधरी थी और आज भी वैसी की वैसी हैं।"

"अच्छा!"

"हां," मध्यस्थ बोला, "उसी के सुधार के लिए वे पंच पद पर चुनाव लड़ना चाहते थे।"

"और तूने सभी को बैठाकर समझौता करवा दिया।"

"हां," मध्य बोला, "जिस पैसे से वे चुनाव लड़ना चाहते थे उसी पैसे को अब वे यहां खर्च करके गली की सड़क बनवा देंगे।"

"इससे तुझे क्या फायदा मिला?" मित्र ने पूछा तो मध्यस्थ बोला,"मैंने अपने टैक्स के लाखों रुपए बर्बाद होने से बचा लिए।"



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