Dayawati d

Others

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स्वपन भाग 1

स्वपन भाग 1

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मैडम -अमित के घर फोन करते हुए, "अमित कहां है?" अमित की मौसी ने फोन उठाते कहा- "अमित बहराइच में बर्तन की दुकान पर काम कर रहा है।" मैडम- "अरे उसे क्यों नहीं पढने देते हो आप ।इतना होशियार लड़का है! उससे कहना -वह मेरे घर आए।"

" ठीक है मैडम जी! अब ई हम फोन करके कह देवा।"


मैडम- कुछ सुबह-सुबह लिख रही हैं- तभी दरवाजा खटखटा ते हुए वह चौंकी और दरवाजा खोलने गई। देखा !तो अमित अपने मामा के लड़के के साथ बाहर खड़ा हुआ है । दोनों ने पैर छुए और नमस्ते कि मैंने उसे अंदर बुलाया और कुर्सी पर बिठाया मगर वह कहने लगा-

 "मैडम रहने दो हम नीचे ही बैठ जावा", मगर दोनों को कुर्सी पर बिठाया और उससे मैंने पूछा "क्या कारण है कि तुम पढ़ नहीं पाते। अगर काम कर रहे हो तो कुछ समय तो मिलता होगा, तो आप पढ़ सकते हो।अच्छा अमित आप कौन सी कक्षा में हो ?"

"मैडम मैं कक्षा 7 में हूंँ।"

" ओह! मैंने तो समझा था ,कि आप कक्षा आठ में होंगे ,इसलिए बुलाया था ,क्योंकि सरकार ने छात्रवृत्ति के लिए हर महीने हजार रुपए के लिए एक फॉर्म निकाला है। कक्षा आठ से बारहवीं तक आप को हर महीने ₹1000 मिलेंगे अरे आप तो कक्षा 7 में हो। कोई बात नहीं !अब आप मार्च के बाद कक्षा 8 में आ जाओगे ।पहले से ही तैयारी रखो, ताकि आप छात्रवृत्ति पाने के लिए तैयारी कर सको और उसमें पास होकर आप अपनी छात्रवृत्ति हर महीने ले सको।"

"ठीक है मैडम जी! "अमित ने बड़े उत्सुकता से कहा " मैं ऑनलाइन आपको कक्षा दूंगी। आप फोन से पढ़ सकते हो।"

अमित "मैडम 4500 हजार रुपये कमाता हूंँ।देखता हूं उससे फोन ले लूं और ऑनलाइन कक्षा मैं ले लूंगा।"

" मैंडम ने कहा आपको जब तनखा मिले तो कुछ पैसे मुझसे भी ले लेना ताकि आप फोन खरीद सको!"

 "ठीक है मैडम जी! मैं 17 तारीख को घर जाऊंगा और पापा को बुलाकर आपके पास स्कूल में आकर बात करूंगा। उन्हें समझा देना। फोन से पढ़ाई करना अब कितना जरूरी हो गया है।"

"ठीक है कोई बात नहीं अमित आप मेरे लिए अपनी सातवीं की इंग्लिश और मैथ की किताब देना। मैं नोट्स बनाकर आपको दूंगी ।आप रात में समय निकालकर पढ़ लेना, अगर आपने मिस कर दी पढ़ाई तो बाद में इसे पकड़ना बड़ा मुश्किल होगा।"

" मैडम जी क्या करूं? बहुत इच्छा है पढ़ने की और मेरा रायपुर में एडमिशन है वह मैडम कहती हैं कि तुम्हारा नाम काट दिया जाएगा अगर स्कूल नहीं आए तो। बताओ मैं क्या करूं ?मेरी बहन की भी शादी होनी है। उसके लिए कुछ कमाना भी हैं मुझे बिल्कुल टाइम नहीं मिलता मैं घर से 9:30 बजे निकलता हूं तब बहराइच की शंकर बेकरी के यहां सामान लाने के लिए साइकिल के पीछे दो थैले और साइकिल के आगे दो थैले लेकर जाता हूं और सामान लाना ले जाना करता हूंँ। मुझे बिल्कुल समय नहीं मिलता और मैं शाम को घर 9:06 बजे आता हूं पूरी तरह थक जाता हूं थकने के बाद नींद आ जाती है सो जाता हूंँ मैं स्कूल कभी-कभी जाता हूं , मगर स्कूल की मैडम कहती हैं कि तुम स्कूल नहीं आए तो मैं नाम काट दूंगी"

मैडम ने कहा जहां पर अमित पुरानी मैडम के घर आया हुआ था। ठीक है मैं बात कर लेती हूं ,लेकिन आपको पढ़ाई पूरी करनी पड़ेगी ।

वह बोला मैडम पता है मैंने एक कविता और एक आर्टिकल मैडम को सुनाया था स्कूल में तो वह बहुत खुश हुई मैंने सोचा मैं इतने दिन नहीं आया तो कुछ अपने लिखी हुई कहानियां और कुछ आपके द्वारा बताई गई स्वच्छता की कविता कहानियां सुना दूं ताकि वह खुश हो जाएं और समझे कि हां मैं होशियार हूं और मेरा नाम ना काटे मैंने वही किया मगर क्या करूं वह मुझे इतना नहीं जानती जितना आप जानती हो।

 बेटा आप मेरे स्कूल मे रेगुलर थे और आपने हर करिकुलम एक्टिविटीज में भाग लिया। पढ़ाई में भी अच्छे थे। सफाई में भी अच्छे थे ।स्वच्छता अभियान में आप ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और दिल्ली तक आप अंबेसडर भी चुने गए ।

मैं तुम्हारी पढ़ाई नहीं रुकने दूंगी मैडम ने कहा आप घर जा कर दो किताबें लेकर आना और जब फोन खरीद लो तो बता देना मैं आपको ऑनलाइन क्लास देती रहूंगी।

मैडम की दोस्त का फोन आता है और मैडम अपनी सहेली से अमित के बारे में वार्तालाप करती हैं तो वह भी उस बच्चे की पढ़ाई के लिए फोन के लिए कुछ सहायता देने के लिए राजी हो जाती हैं कि बच्चे की पढ़ाई मत रुकने देना।

 देखो यह कड़ी कब तक जुड़ती है और उस बच्चे की पढ़ाई कब तक चलती है और कब तक रूकती है।

 आगे का भाग अगली बार.....


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